बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय के कुलपति, आचार्य नरेन्द्र देव रिक्शे पर
बैठकर कहीं जा रहे थे। रास्ते में उनके परिचित मिले तो वे
उनसे पूछने लगे-आप अपनी कार में बैठकर क्यों नही जा रहे हैं?
आचार्य बोले-वह कार मुझे विश्वविद्यालय के कार्यो के लिए मिली है। आज मैं ` अपने एक बीमार संबंधी को देखने अस्पताल जा रहा हॅू।
यह मेरा निजि कार्य है। मैं निजि कार्य के लिए सरकारी कार का इस्तेमाल नही करना चाहता । - उनका यह उत्तर सुनकर वह व्यक्ति उनकी सादगी और आदर्श को देखकर - उनके प्रति नतमस्तक हो गया।
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